निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर एक कहानी लिखें और उचित शीर्षक दें
तालाब किनारे पेड़ पर एक कबूतर - नीचे चींटियों का बिल - एक दिन एक चींटी का फिसलकर पानी में गिरना - कबूतर का एक पत्ता तोड़कर चींटी के पास डालना - पत्ते पर चढ़कर चींटी का सुरक्षित किनारे आना - कुछ दिनों बाद पेड़ के नीचे शिकारी - पेड़ पर बेखबर बैठे कबूतर पर निशाना साधना - चींटी का तुरंत उसे जोर से काट लेना - निशाना चूकना - कबूतर का उड़ जाना - सीख।
---------------------------------------------------------------------
अच्छे दोस्त
एक तालाब के किनारे एक पेड़ था जिस पर एक कबूतर रहता था। उसी पेड़ के नीचे चींटियों का बिल था।
एक दिन एक चींटी पेड़ पर चढ़ते समय फिसलकर पानी में गिर गई।
जैसे ही कबूतर ने चींटी को पानी में गिरते देखा उसने पेड़ से एक पत्ता तोड़ा और चींटी के पास डाल दिया । पत्ते को पास पाकर वह चींटी उस पर चढ़ गई। पत्ता पानी में बहते - बहते किनारे लग गया। पत्ते पर से चलकर चींटी सुरक्षित किनारे पर आ गई।
कबूतर की यह सहायता चींटी के मन में घर कर गई। मन ही मन वह अपने आपको कबूतर का एहसानमंद मानने लगी।
एक दिन एक शिकारी वहाँ आया। चींटी ने देख लिया कि शिकारी कबूतर पर निशाना साध रहा है। ऊपर देखा तो कबूतर शिकारी के निशाने से बेखबर बैठा था। चींटी को कबूतर का एहसान याद आया। वह जल्दी से शिकारी के पास पहुँच गई । वह शिकारी निशाना लगाकर बंदूक चलाने को ही था कि चींटी ने उसे काट लिया । चींटी के काटने के दर्द से शिकारी का निशाना चूक गया और कबूतर फुर्र से उड़ गया। इस तरह चीटी ने शिकारी से कबूतर की जान बचाई।
सीख - हमें एहसान करने वाले का कृतज्ञ होना चाहिए और उनकी जरूरत पर मदद करनी चाहिए। कबूतर ने नदी में गिरने पर चींटी की जान बचाई। उसी तरह चींटी ने शिकारी से कबूतर की जान बचाई।